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माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक सेंटर की स्थापना से इंदौर में कैसे बढ़ेगा तकनीकी विकास (Semiconductor chip fabrication)
आज के इस डिजिटल युग मे टेक्नोलॉजी का विकास हमारे भारत मे काफी तेजी से हो रहा है। क्योकि आज इस AI ( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ) रेवोल्यूशन के दौर में सभी देश नई नई टेक्नोलॉजी की खोज, अविष्कार और उत्पादन के इस दौड़ में कोई भी देश पीछे नही रहना चाहता है ऐसे में हमारे भारत देश में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) इंदौर ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नई और क्रांतिकारी पहल की है। इस विश्वविद्यालय ने Semiconductor chip fabrication के रिसर्च और devlopment को बढ़ावा देने के लिये एक माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक सेंटर और लैब स्थापित करने की प्लान बनाई है। यह योजना ताइवान के 5 प्रमुख IT विश्वविद्यालय के सहयोग से संचालित होगी। जो भारत मे माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक के क्षेत्र को एक नई ऊंचाई तक ले जाने की वादा करती है। इंदौर की इस तकनीकी पहल से ना सिर्फ इंदौर का विकास होगा बल्कि इससे हमारे देश भारत को आत्मनिर्भरता का बल मिलेगा। साथ ही भारत सरकार के मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया को भी मजबूती मिलेगा । सेमीकंडक्टर चिप्स का उपयोग मोबाईल, लेपटॉप , मेडिकल उपकरण और अन्य कई डिजिटल उपकरणों में इसका उपयोग होता है। देखा जाय तो भारत मे 2022 में 2 लाख करोड़ से अधिक स्मार्टफोन की बिक्री हुई थी जो पूरी तरह से इन सेमीकंडक्टर चिप्स से बने होते हैं। ऐसे में हमारे लिये यह जरूरी हो जाता है कि इन चीज़ों की हमारे पास इसकी पूरी आपूर्ति होनी चाहिये । परन्तु अभी तक 100 % सेमीकंडक्टर चिप्स को भारत ताइवान, चीन और साउथ कोरिया जैसे देशों से खरीदता है। आपको बता दे 2021 में भारत का सेमीकंडक्टर बाजार $27 बिलियन का था यह बाजार 2030 तक $64 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। अगर ऐसे में DAVV इंदौर का Semiconductor chip fabrication के इस पहल से देश बहुत से लोगो रोजगार मिल पायेगा। क्योकि इसका ये भी लक्ष्य है की अगले 5 साल में 10000 से अधिक रोजगार उतपन्न करना एवं भारत सरकार की योजना 2030 तक भारत को सेमीकंडक्टर हब बनाने की लक्ष्य भी पूरा हो पायेगा। जिससे देश का भी विकास होगा। जिसके लिये लगभग 50 करोड की शुरुआती निवेश जनवरी 2025 से किया जा चुका । इसमे नई उपकरण और नई टेक्नोलॉजी शामिल होंगे जो भारत मे पहली बार उपलब्ध होंगे। इसमे ताइवान का सहयोग देना Semiconductor chip fabrication के विकास के लिये काफी महत्वपूर्ण भी माना जा रहा है क्योंकि ताइवान पूरी दुनिया का सबसे बड़ा सेमिकण्डक्टर निर्माता हैं। जो पूरी दुनियां के 63% सेमिकण्डक्टर का निर्माण अकेले ताइवान करता है।

Semiconductor chip fabrication क्या क्या लाभ मिलने वाला है।
इससे इंदौर के स्थानीय लोगो को लाभ तो मिलेगा है साथ में देश की आर्थिक विकास में भी बहुत मदद मिलेगी। आज घरेलू स्तर में सेमिकण्डक्टर चिप की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गयी हैं जिससे इसकी आसानी से आपूर्ति और सस्ती मिलेगी। साथ ही यहाँ के लीगो को भी रोजगार मिल सकेगी और यहाँ की क्षेत्रीय विकास भी काफी तेजी से होगी। इसके माध्यम से यहाँ के छात्रों को भी इस प्रकार का उन्न्त चिप डिजाइन और उत्पादन तकनीक सीखने का अवसर मिलेगा। जिससे नई तकनीकी स्टार्टअप और इनोवेशन को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही ताइवान जैसे देश के सहयोग मिलना भारत और ताइवान के इस साझेदारी अर्थिक और तकनीकी संबंध मजबूत रहेंगे। साथ ही भारत मे इसके निर्माण होने से आने वाले भविष्य में जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस AI की devlopment रेवोल्यूशन को भी काफी support मिलेगा । जिसजे हमारे देश टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में और तेजी से तररकी कर सकता है।
निष्कर्ष यह है कि आज टेक्नोलॉजी की इस तेज तरक्की का असर हमारे जीवन पर भी पड़ेगा। जिससे हमें कई अच्छे अच्छे अवसर भी मिलेंगे। क्योकि आज DAVV का यह Semiconductor chip fabrication सेंटर एक शिक्षा संस्थान ही नही बल्कि यह भारत के Semiconductor chip fabrication इंडस्ट्री के भविष्य के नीव है। इस पहल से इंदौर न केवल एजुकेशन और टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ेगा, बल्कि यह भारत को world लेवल पर Semiconductor chip fabrication इंडस्ट्री में कॉम्पिटिशन करने में सक्षम बनायेगा। और ये पहल इंदौर के युवाओं,इंडस्ट्री और शहर समग्र विकास के लिये एक उज्वल भविष्य का द्वार खोलेगा। यह इंदौर को ग्लोबल तकनीकी मानचित्र पर स्थापित करने का सुनहरा मौका है।
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1.इससे AI और इंटरनेट ऑफ थिंग्स ioT के विकास में क्या प्रभाव पड़ सकता है।
2030 तक world लेवल पर AI और IoT (Internet of Things) आधारित चिप्स की मांग $1 ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। जिससे यहाँ काफी आपूर्ति मिल सकती है।
2.इसके लिये इंदौर DAVV को ही क्यो चुना गया ?
इंदौर स्थित DAVV पूरे देश मे जो अब तक शिक्षा और IT में अग्रणी रहा है अब टेक्नोलॉजी रिसर्च और अनालीसिस में भी अपनी पहचान बना रहा है।