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self driving car in india : कल्पना कीजिए, आप सुबह अपने घर से ऑफिस के लिये निकलते हैं, और बिना कार के स्टीयरिंग छुए, बिना ब्रेक व बिना एक्सीलेटर दबाएं आप अपने मंजिल तक आसानी से पहुँच जाते हैं। और आपको बिना कुछ किये आपकी गाड़ी खुद ब खुद ट्रैफिक से निपटती है, ट्रैफिक नियम का पूरी पालन करती है। आप सफर के दौरान अपने काम या मनोरंजन में आप ब्यस्त रहते हैं, लेकिन यह कोई कल्पना मात्र नही है।, बल्कि हमारे भविष्य की एक हकीकत है। यह सेल्फ ड्राइविंग कारो का युग है, जो जल्द ही भारत मे दस्तक देने को तैयार है। self driving car जिन्हें ऑटोनोमस वेहीकल भी कहा जाता है इससे न केवल ड्राइविंग का तरीका बदलने वाला है बल्कि हमारे जीवन को भी एक नई दिशा देने वाला है। ये कारे AI ( आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ) व ML ( मशीन लर्निंग ) व अडवांस सेंसर टेक्नोलॉजी से पूरी तरह लैस होती है। जो इंसानी गलती से मुक्त एक सुरक्षित यात्रा तय करती है। हमारे भारत जैसे देश मे जहाँ सड़क व्यवस्था व ट्रैफिक सिस्टम अच्छा है वहाँ सेल्फ driving कार का अच्छा बोलबाला हो सकता है। वहाँ सेल्फ driving कार वरदान साबित हो सकती है। ये न केवल दुर्घटना को कम करने में सहायक होगी । बल्कि एक अच्छा ट्रैफिक सिस्टम को एक नयी दिशा देगी। इस पोस्ट में हम बिस्तार से जानेंगे । भारत मे सेल्फ driving कार की क्या फायदा व हानियां है किन राज्यो व शहर में सबसे पहले दस्तक देगी। चलिये इस क्रांतिकारी सफर की शुरुआत करते हैं और जाने की कैसे self driving car in india को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकती है।
Self Driving Car या ऑटोनोमस कार क्या होता है।
self driving car in india – सेल्फ ड्राइविंग कार जिसे Autonomus Vehical भी कहते हैं, ये कार बिना किसी इंसानी ड्राइवर के अपने अपने चलता है, ये कार ट्रैफिक नियम का स्मार्ट तरीके पालन करते हुए , कही भी बिना ड्राइवर के जा सकता है, वापस खुद से सुरक्षित तरीके से आ सकता है, ये गाड़िया आधुनिक सेंसर, AI ( आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ) सिस्टम , स्मार्ट कैमरा व स्मार्ट माइक और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करते हुए सड़क पर चलने , स्मार्ट ट्रैफिक को समझने और सुरक्षित तरीके से अपने टारगेट तक पहुँचने व वापस होने में सक्षम होती है।

Self driving car in india कार कैसे काम करता है कैसे आसानी से चल पाता है।
Self driving car पूरी तरह से टेक्नोलॉजी सिस्टम से लैस होती है। जो सड़क,यातायात, यात्रियों की अधिक से अधिक जानकरी इकट्ठा करने के लिये आधुनिक सेंसर का इस्तेमाल करते हैं।
1. लेजर लाइट– लेजर लाइट के जरिये अपने आसपास का 360०का नक्शा बनाता है, जो आसपास के बारे में सटीक अनुमान लगा सकता है। उदाहरण– waymo की कार 360०का मैप बनाता है। जिसे ये आसपास की चीज़ों को आसानी से डिटेक्ट व हलचल को महसूस कर लेता है।
2.कैमरा सिस्टम व कम्यूटर विजन – कैमरा व कंप्यूटर विजन इसके लिये एक देखने वाली आंख की तरह काम करता है जो अपने आसपास की ट्रैफिक लाइट, ट्रैफिक सिग्नल, ट्रैफिक इंडिकेटर और पैदल यात्रियों के संकेत को आसानी से पहचान कर सकता है। उदाहरण– tesla की सेल्फ ड्राइविंग का कार पूरी तरह से इसी कैमरा सिस्टम से चलती है। कंप्यूटर vission – इसमे लगा एडवांस कंप्यूटर vision सिस्टम इसके लिए एक आँख का काम करता है। जो सीधे कार के सेंसर से जुड़ा होता है, जो अपने आसपास के चीज़ों को देखने के साथ साथ उसे सेन्स भी कर सकता है। अगर गाड़ी के सामने कुछ भी आता है तो इसका इमेज तुरंत कंप्यूटर विजन सिस्टम deep learning AI के पास भेज देता है जिस deep learniing तुरंत इस पहचान कर की वास्तव सामने वाला चीज़े, वस्तु क्या है या कोई हॉर्न क्यो बजा रहा है इसे पहचान के इसे ये तुरंत Neuralink के पास भेज देता है।
3.राडार सिस्टम – अपने आसपास के चीज़ों व दूरी को मापने के लिये यह राडार व रेडीयो तरंग का इस्तेमाल करता है साथ ही अन्य वाहन गुजरने वाली वाहनो स्पीड व लोकेशन का अनुमान इसके जरिये लगा लेता है।
4A I और deep leaning – एक प्रकार की ट्रेनिंग होती है, जिसमे कार को AI के द्वारा deep लर्निंग प्रॉसेस इसे अच्छे से ट्रैनिंग दिया जाता है। Deep learning एक टॉप लेबल की AI सिस्टम होती है। जो अपने आसपास की चीज़ों का पहचान करता है।
5.Sound Recogination – ये सभी तरह के साउंड व आवाज को पहचानने में पूरी तरह से सक्षम होता है। अगर कोई पीछे से हॉर्न बजाता या आवाज देता है ये आवाज को पहचान लेता है।
6.Neuralink – यह एक प्रकार से कार का मुख्य दिमाग होता है। जिस प्रकार इंसान का दिमाग होता है जो किसी भी चीज़ को समझ के तुरंत एक्शन लेता है। जैसे गाड़ी को स्लो करना, हॉर्न बजाना ,गाड़ी को रोकना , या साइड लेना । ये सब निर्णय इसमे लगे Neuralink के द्वारा मैनेज होता है।
7.कंट्रोल व एक्जीवकेसन– AI द्वारा लिए गए निर्णय को electronic कंट्रोल unit के पास भेजा जाता है। जो कार के हार्डवेयर को कण्ट्रोल करता है। कार की ब्रेक, स्टीयरिंग, गियरबॉक्स और एक्सीलेटर को
self driving car in india कार सबसे पहले कहाँ आएंगी?
1. बेंगलुरु टेक्नोलॉजी का हब- भारत को बेंगलुरु कर्नाटक जो IT कैपिटल व स्टार्टअप्स का हब माना जाता हैं जहाँ पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, ऑटोमेशन पर काम बहुत पहले से हो रहा है Sound Recogination – ये सभी तरह के साउंड व आवाज को पहचानने में पूरी तरह से सक्षम होता है। अगर कोई पीछे से हॉर्न बजाता या आवाज देता है ये आवाज को पहचान लेता है।
6.Neuralink – यह एक प्रकार से कार का मुख्य दिमाग होता है। जिस प्रकार इंसान का दिमाग होता है जो किसी भी चीज़ को समझ के तुरंत एक्शन लेता है। जैसे गाड़ी को स्लो करना, हॉर्न बजाना ,गाड़ी को रोकना , या साइड लेना । ये सब निर्णय इसमे लगे Neuralink के द्वारा मैनेज होता है।
7.कंट्रोल व एक्जीवकेसन– AI द्वारा लिए गए निर्णय को electronic कंट्रोल unit के पास भेजा जाता है। जो कार के हार्डवेयर को कण्ट्रोल करता है। कार की ब्रेक, स्टीयरिंग, गियरबॉक्स और एक्सीलेटर को इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपनाने में सबसे आगे रहा है। बंग्लेरू ट्रैफिक मैनेज मेन्ट सिस्टम पहले से हाई टेक व स्मार्ट सिटी के रूप में मौजूद हैं। क्योकि यहां ola,athr और टेस्ला जैसी कंपनियों अपना ऑटोनोमस कार लांच करने लिये सेंटर खोल रही है।
2. हैदराबाद AI व टेक्नोलॉजी में उभरता सेंटर – हैदराबाद AI और रोबोटिक्स रिसर्च में हमेसा से बहुत आगे रहा है। दुनिया की कई बड़ी कंपनियों का यहाँ सेंटर है जैसे – Microsoft, amozon, google । साथ ही तेलंगाना सरकर सेल्फ ड्राइविंग व इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिये कई विशेष प्लान भी बनाई है।
3.पुणे महाराष्ट्र – भारत का सबसे बड़े ऑटोमोबाइल का हब माने जाने वाले राज्य जहाँ bajaj, mahedra, tata moter इन सभी भारतीय बढ़ी कंपनियों का केंद्र है, जो स्टार्टअप्स और IT सेक्टर में भी बहुत तेजी से उभर रही है यहाँ जर्मन कंपनी – Bosch, Volkswagen का सेंटर है जहाँ पहले से ही ऑटोमेशन व self driving कार पर काम चल रहा है।।
4. मुंबई भारत का सबसे आधुनिक शहर – भारत की आर्थीक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई में भारत का पहला मेट्रो शहर है। जो 5G और स्मार्ट सिटी ऑटोमेशन को वहुत तेजी से लागू कर रहा है। यहाँ के ट्रैफिक लाइट्स, व रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में पहले से ही AI और ioT यानी इंटरनेट ऑफ थिंग्स का इस्तेमाल किया जा रहा है।
5.दिल्ली NCR – भारत की पहला राज्य जिसने इलेक्ट्रिक व्हीकल के नीति को तेजी से अपनाया है। जहाँ स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और AI सिस्टम का का इस्तेमाल पहले से निगरानी करने के लिये कर रहे हैं। जहाँ – गुरुग्राम, नोयडा , में पहले से Tesla, Hundai, और MG जैसी कंपनिया इलेक्ट्रिक वेहिकल और सेल्फ ड्राइविंग ऑटोमेशन व्हीकल पर काम कर रही है।
6.मिनी मुंबई इंदौर – इंदौर जो अपने सांस्कृतिक विरासत, स्वच्छता व टेक्नोलॉजी में बहुत तेजी से विकसित होता हुआ राज्य के रूप प्रसिद्ध है इंदौर अपने नई नई टेक्नोलॉजी , इनोवेशन, व प्रोधोगिकी के प्रति लोगो की रूचि बढ़ती जा रही है, यहाँ कई नई IT पार्क व स्टार्टअप्स स्थापित हो रही है। इसके साथ शहर में Electric vehical व Autonomus ( सेल्फ ड्राइविंग ) कारो की डिमांड बढ़ती जा रही है। क्योकि इंदौर में सड़क प्रणाली सुव्यवस्थित व आधुनिक है। शहर के तेजी से बढ़ती याता यात को संभालने में सक्षम है। जहाँ अच्छी फ्लाई ओवर व बाईपास के साथ साथ स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, CCTV निगरानी, डिजिटल साइनबोर्ड, शामिल हैं अब स्मार्ट परियोजना के तहत सड़क को और भी स्मार्ट बनाया जा रहा ।है आने वाले समय में इंदौर की सड़कों पर सेल्फ ड्राइविंग कार चलती हुई दिखेंगी। क्योंकि इंदौर टेक्नोलॉजी अडाप्ट्सन से मामले में आगे रहने के साथ साथ सेल्फ ड्राइविंग कार व ऑटोमेक्टिक वेहिकल के सभी शर्तो को पूरा करता है। क्योकि इंदौर एक ऐसा राज्य है जो हमेशा टेक्नोलॉजी व नए नए बदलाव को लेकर सबसे आगे रहता है। ऐसे मे सेल्फ ड्राइविंग कार इंदौर स्मार्ट सिटी का अगला व पहला कदम हो सकता है। क्योकि इंदौर में अधिक संख्या में यहाँ के युवा वर्ग और टेक्नोलॉजी के प्रति बहुत जागरूक लोग रहते हैं, जो किसी भी ट्रेंड टेक्नोलॉजी को जल्दी स्वीकार करते हैं, और उस पर पहल करते हैं। पहले से ही इंदौर के DAVV ( देवी अहिल्या विश्व विद्यालय ) जैसे IT संस्थान अंतराष्ट्रीय स्तर पर सेमिकण्डक्टर चिप के निर्माण में काम कर रहा है, जो ये बताना है के ये राज्य किसी भी टेक्नोलॉजी ट्रेंड को बहुत जल्दी फॉलो करता है। जो ये संकेत करता है, यहाँ शुरू से ही नगर निगम व स्मार्ट सिटी मिशन कई High Tech प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है।
7.गुजरात – गुजरात मे भारत का प्रमुख ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब है। गुजरात सरकार ने गुजरात इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति 2021 लागू की थी जिसमे EV और ऑटोमेक्टिक सेक्फ ड्राइविंग वेहिकल पर विशेष जोर दिया था। यहाँ कई वैश्विक कंपनिया के फ़ैक्टरी भी है। जैसे Tata moter, MG moter व maruti suzuki जहाँ पहले से ऑटोनोमस वेहीकल पर रिसर्च व काम चल रहा है। यहाँ की सड़कें और इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत अच्छी है जो सेल्फ ड्राइविंग कारो के लिये अनुकूल बनाती है।
भारत में Self driving car in india कारें कब तक आएँगी
2025 से 2030 तक सेल्फ ड्राइविंग कार का परीक्षण होना शुरू हो जाएगा।
2030 से 2040 तक आंशिक रूप से विकसित शहरों में लागू हो जाएगा।
2040 के बाद भारत मे बड़े स्तर पर लागू किया जाने का संभावना है।

Self Drivinig कार व व्हीकल से लाभ
1.मानव निर्मित गलती 98% सड़क दुर्घटनाओं के कारण बनती है। AI और सेंसर बेस्ड ड्राइविंग के कारण 70 – 80% तक काम हो सकती है।
2. स्मार्ट ट्रैफिक कन्ट्रोल व AI बेस्ड सिस्टम के कारण ट्रैफिक जाम में कमी आएगी। बड़े शहरों जैसे . दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु में ट्रैफिक जाम 40% तक कमी आ सकती है।
3.सार्वजनिक परिवहन जैसे बसों, मेट्रो, टैक्सियां व कैब जैसे सेल्फ ड्राइविंग टेक्नोलॉजी के कारण सस्ता किराया होगा। साथ ही लंबी दूरी तय करने में भी आसानी होगी ।
4. AI , ioT ( इंटरनेट ऑफ थिंग्स ) व ऑटोमेशन इंडस्ट्री में कई नॉकरियों पैदा होंगी , जो बेरोजगारी को भी कम करेंगे।
5.self driving कार व इलेक्ट्रिक व्हीकल से प्रदूषण कम होगा , AI बेस्ड ड्राइविंग कार से 30- 40 % तक कि ईंधन खपत कम होती है। साथ ही ग्रीन एनर्जी जैसे – हैड्रोजन फ्यूल, और सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा
6.सेल्फ ड्राइविंग कार से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा,। टूर gide ऑटोनोमस कार भी बिकसित होने लगेगी। सेल्फ driving कार से एक्सीडेंट में कमी के कारण बीमा प्रीमियम भी कम हो
7.बुजुर्ग, दिव्यांग,व दृष्टिहीन यात्री बीना किसी सहारे के यात्रा कर पाएंगे। AI बेस्ड व self driving कार उनके जिंदगी को थोड़ी आसान बना देंगी।
भारत में सेल्फ-ड्राइविंग कारों की संभावित हानियाँ
सेल्फ ड्राइविंग कार आ जाने से रोजगार पर खासा असर पड़ सकता है, साथ ही AI सिस्टम फैल होने से दुर्घटना का भी शिकार होना पड़ सकता है, और यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, कार या गाड़ी मालिक या कंपनी । साथ ही एमेरजेंसी में सेल्फ ड्राइविंग कार इंसानो के जैसा निर्णय नहीं ले सकता है। एवं खराब मौसम में सेंसर व कोहरा काम अच्छे से नही करेगा। जो दुर्घटना का न्योता दे सकता हैं

Self Driving कार का निष्कर्ष जरूर पढ़ें
self driving car in india भविष्य के एक टेक्नोलॉजी है, जो पूरी तरह से AI के कन्ट्रोल में होगा । जो यातायात को अधिक सुरक्षित, अनुकूल व नई टेक्नोलॉजी से प्रभावी बनाने में मदद करेगा। हालांकि भारत देश मे अभी इसको अपनाने में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करना होगा। जैसे अच्छी सड़के, अच्छा ट्रैफिक सिस्टम ,अच्छा रोड इंफ्रास्ट्रक्चर का होना बहुत जरूरी है। आज ये सब टेक्नोलॉजी एक महत्वपूर्ण बातों की ओर बहुत जोर से हमे संकेत दे रही है। कि जब AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आया है तबसे पूरी दुनिया मे इस नए टेक्नोलॉजी के साथ परिवर्तन में जोर पकड़ ली । हालांकि थोडी देरी जरूर है पर ये टेक्नोलॉजी एके दिन बहुत जल्द हमारे आसपास दिखने वाली है।
इसी तरह नए नए टेक्नोलॉजी व AI इनोवेशन की जानकारी से अप्डेट्स रहने के लिये High Tech News जरूर पढ़ें। हमारी ये driving car in india पोस्ट अच्छा लगे तो शेयर करे, और हमे वोट व कमेंट जरूर करे। हमे भी Facebook पेज High Tech News फॉलो करें।
1.Self driving cars क्या है?
AI टेक्नोलॉजी बेस्ड कार है जो बिना किसी ड्राइवर कर चलता है।
2.self driving car in india में कब तक आएगी।
Self driving car in india 2030 तक इनका ट्रायल व सीमित इस्तेमाल सम्भव हो सकेगा।
3.self driving car in india में कौन कौन से कंपनी काम कर रही है ?
Self driving car in india में Tata moter, mahendra, ola, Tesla व google।