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Quantum Computing क्या है टेक्नोलॉजी 2025

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Quantum computing एक ऐसी उन्नत और परिवर्तनकारी टेक्नोलॉजी है, जो दुनिया को एक नई शिखर पर आयाम देने जा रही है जिसकी शुरुआत हो चुकी है । जिसकी विकास काफी तेजी से ही रही है । जिसका असर अभी से ही देखने को मिल रही है। इसके आ जाने से दुनिया को चौका देने वाली बदलाव देखने को मिलेगी। जो पुरी दुनिया को हैरान कर देगी। हम सभी के जीवन मे एक नई बदलाव और एक नई दौर देखने को मिलेगी । यह टेक्नोलॉजी एक विकास की क्रांति की तेजी की रूप पकड़ चुकी है। जल्द ही हम सब इस दौर के नई युग मे प्रवेश करने जा रहे हैं।

जाने क्या है ? ये Quantum computing और क्यो लोग इस टेक्नोलॉजी विकास के रेस तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं। आइये जानते हैं विस्तार से…

Quantum computing

Quantum Computing क्या है? और यह कैसे काम करता है।

यह कंप्यूटर प्रणाली की सबसे विकसित एवं आधुनिक टेक्नोलॉजी है। क्वाण्टम भौतिकी के सिद्धांत ( सूक्ष्म कण, माइक्रोवेव , तरंगीय स्तर के ऊर्जा व पार्टिकल्स ) जो खुली आँखों से नही देखा , ना छुआ जा सकता है ) के सिद्धांत पर कार्य करता है। यह एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है।

यह आजकल के देखे व उपयोग किये जाने वाली समान्य कंप्यूटर से बिल्कुल अलग और कई गुना शक्तिशाली हैं, जो बड़े बड़े कार्यो को आसानी से कर सकता है। यह अभी वर्तमान की पांरपरिक कंप्यूटर जो बाइनरी कोड ( बीट्स ) का इस्तेमाल करते हैं, जिसमे डेटा ( data ) 0 और 1 को दोनों कोड में से किसी एक को अलग अलग स्टोर व प्रोसेस किया जाता है । जबकि क्वाण्टम कंप्यूटर में क्वाण्टम बिट्स ( क्यूबिट्स ) का उपयोग किया जाता है यानी इसमे कोड 0 या 1 का अलग अलग प्रोसेस ना करके दोनों को 0 और 1 को एक साथ ही प्रोसेस व स्टोर किया जाता है। इसमे क्युबीट्स एक ही समय कई अलग अलग पोजिशन ( अवस्था ) हो सकती है जिससे बड़ी व जटिल गणनाएं आसानी से सटीक व सही गणना करना संभव हो जाएगा। जिसे सुपर पोजिशन भी कहते हैं। जब कि ये सब वर्तमान के पारंपरिक कंप्यूटर नही कर सकता है।

अगर इसे और आसानी से समझा जाय तो जैसा कि आप जानते होंगे एक साधारण कंप्यूटर का बेसिक आप भी जानते हैं, जिसमे मेन मेमोरी, अर्थमेटिक यूनिट,CPU, और कंट्रोल यूनिट होती है। जो डेटा इन्सर्ट करने के बाद इसे प्रोसेस किया जाता है,इसको कैलक्यूलेट करते हैं और इसे प्रोसेस भी करते हैं। अब कम्प्यूटर के मदर बोर्ड की बात करे तो इसमें एक सर्किट चिप होती है, जो बेसिक इलेक्ट्रॉनिक मॉड्यूल होती है। इसमे एक ट्रांज़िस्टर भी होती हैं,जो एक स्वीच की तरह काम करता है,जो कम्प्यूटर में किसी भी डेटा को आने देता है या उसे जाने से रोकता है । उस डेटा को कंट्रोल करता है।

कंप्यूटर में प्राप्त होने वाले किसी भी इन्फॉर्मेशन या डेटा को बिट्स कहते हैं ,जो 0 या 1 बाइनरी डिजिट में होता है। अब जितना ज्यादा 0 या 1 होंगे । डेटा उतनी ही जटिल और ज्यादा कॉम्लेक्स होता जाएगा । ट्रांज़िस्टर लॉजिक गेट का काम करते हैं जो जोड़ना, घटाना, गुणा, या भाग करने में हेल्प करते हैं। अब ये कंप्यूटर केल्क्युलेट कर रहा है तो यह कोई भी इस प्रकार की culculation टास्क को आसानी से कर सकता है। ये बस वैसा ही है जैसा कोई 6 से 7 साल का स्कूली बच्चा बेसिक calculation आसानी से कर लेता है, ठीक इसी इस प्रकार यदि क्लास के ढेर सारे बच्चों एक साथ कैलकुलेशन करने को कहे , तो ये उसे आसानी से कर सकते हैं उसी तरह कंप्यूटर कॉम्पेक्स कैलकुलेशन करता है,क्योंकि कंप्यूटर आज बहुत ही छोटे होते जा रहे हैं,तो चीज़े और भी कॉम्प्लिकेट होती जा रही है। जैसे कि हमने बताया है कि ट्रांजिस्टर एक स्विच की तरह काम करता है,जो बिजली में मौजूद इलेक्ट्रान या करंट को किसी एक दिशा में जाने से रोकता है। जैसा कि बिजली स्विच बटन होता है, और कंप्यूटर की ये ट्रांजिस्टर छोटे होते होते इतना छोटा हो गयी हैं, की ये नैनो मीटर की साइज तक जा पहुँची है,ये सेल RBC s या रेड ब्लड सेल से 500 गुना छोटा तक जा पहुँची है। चूंकि ट्रांजिस्टर एक एटम या अणु के साइज में सिंक होती जा रही है,तो ऐसा हो सकता है कि इलेक्ट्रान खुद को ट्रांज़िस्टर द्वारा बनाया गया स्विच की दूसरी साइड में बदल लें। इस प्रोसेस को कहते हैं क्वाण्टम ट्यूनिंग

अब अगर अपने एवेंजर एंड गेम जैसी मूवी देखी है तो आपको यह याद होगा कि सुपर हीरो क्वांटम रेलम में घुसकर अतीत में यानी पास्ट में टाइम ट्रेवल कर जाते हैं। अब हम अपने कंप्यूटर की बात करे तो यहाँ भी क्वाण्टम रेलम ना कि एक कॉन्सेप्ट ( थ्योरी ) है जिसके मुताबिक क्वाण्टम रेलम में फिजिक्स असामान्य व्यवहार करता है। जहाँ आज की पारंपरिक कंप्यूटर का कोई सेंस ही नही रह जाता है। अब कम्प्यूटर वैज्ञानिक एक ऐसे शक्तिशाली टेक्नोलॉजी तो पहुँचने की सोच रहे हैं जो कंप्यूटर टेक्नोलॉजी की दुनिया को हैरान करने देने वाली व एडवांस लेबल के स्टेज में ले जाया जाएगा। और दुनिया भर के कम्प्यूटर साइंटिस्ट इसी नई और एडवांस अविष्कार के होड़ में लगे हुए है। एक नॉर्मल कंप्यूटर का सूचना का सबसे छोटा इकाई बिट्स होती हैं, अब जैसा कि आप जानते हैं कि कंप्यूटर किसी भी सूचना या डेटा को 0 या 1 में समझता है। कंप्यूटर को भेजा गया कोई डेटा, सूचना या वीडियो कम्प्यूटर में करोड़ों 0 या 1 में बदल जाता है। जिनके लिये मैसज या डेटा भेजा गया हो उसके लिये उस डेटा 0 या 1 को कन्वर्ट (बदल ) करके वास्तविक वीडियो या डेटा में परोस देता है।

लेकिन क्वाण्टम कंप्यूटिंग में क्वान्टम क्युबीट्स टेक्नोलॉजी का उपयोग होता है। जिसमे 0 या 1 के अलावा भी यह दोनों एक साथ मौजूद हो सकती है। उदाहरण से समझते हैं जैसे

जब हवा में कोई सिक्का उछाला जाता है , तो हेड या टेल आने संभावना आधी-आधी होती है। लेकिन अगर सिक्का को क्युबीट्स या क्वाण्टम सिक्का कहा जाय तो ,हवा में उछालने पर एक समय मे दोनों ही साइड हेड व टेल उसमे एक साथ मौजूद होते हैं। इसी को सुपर पोजिशन कहते हैं। और एक क्युबीट्स हमेसा अपनी सुपर पोजिशन में होती है। जिसको ट्रेस करना काफी मुश्किल होती है यानी यही एक नॉर्मल कम्प्यूटर और Quantum computing की सबसे बड़ी अंतर है।

Quantum Computing ( computer) व Normal कंप्यूटर में अंतर

● Quantum computing के अंतर को सरलता से समझते हैं।

Normal computerQuantum computing
1.इसमें डेटा को बिट्स रूप में उपयोग करते हैं।1.इसमे डेटा को क्युबीट्स के रूप में उपयोग करते हैं।
2.इसमे डेटा 0 या 1 के रूप में होती है।2.इसमें 0 या 1 के अलावा ये दोनों एक साथ होते हैं।
3.इसमे डेटा एक पोजिशन में होती है।।3.इसमे क्युबीट्स सुपर पोजिशन के स्टेज में होती हैं।
4.इसमे लॉजिक गेट एंड व नॉट का यूज़ होता हैं4.इसमे लॉजिक का उपयोग ही नही करते हैं।

Quantum computing के रेस में पूरी दुनिया

इसे बनाने के लिये दुनिया भर के पावरफ़ुल औऱ टेक्नोलॉजी एडवांस देश इस टेक्नोलॉजी के विकास के लिये बड़े सिद्दत से काम मे लगे हुए है पूरी दुनिया इसे विकसित करने रेस में जुट गई है। क्योकि की कंप्यूटर टेक्नोलॉजी जगत का Quantum computing इतनी पॉवरफुल की इससे पूरे दुनिया को एक झटके में काफी हद तक बदल सकती है। यह इतना महत्वपूर्ण पूर्ण है कि इस टेक्नोलॉजी को आगे रखने के लिये इंडियन सेट्रल गवर्मेंट ने हजारो करोड़ो का बजट अलॉट किया है। वही आर्थिक मजबूत देश भी जैसे अमेरिका, जर्मनी, रूस, व चीन जैसे कैसे देश इसने करोड़ो डॉलर इन्वेस्ट कर रहे हैं। अमरीका ने इसके लिये 2018 में क़ानून भी पास किया है। और इसके लिये 1 अरब 20 करोड़ डॉलर का फण्ड भी दिया है। जहाँ चीन अपने 5 year devlopment plan में इसी शामिल भी कर चुका । यानी बहुत ज्यादा संभावना है कि Quantum computing के आ जाने से दुनिया मे किसी भी समस्या को हल करना बहुत ही आसान हो जायेगा। चीज़े काफी तेजी से बदल रही होगी।

Quantum computing क्यो इतना जरुरी हैं और इसका क्या उपयोग होने वाला है।

Quantum computing से विकास आने वाले भविष्य कई बढ़ी और महत्वपूर्ण बदलाव की और संकेत कर रही हैं। इसके आ जाने से दुनिया मे एक बहुत बड़ी रेवोल्यूशन देखने को मिलेगी। कई सेक्टर के विकास को एक नई आयाम देने जा रही है।

Quantum computing से चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति

a.बीमारियों का इलाज और बेहतर और आसान हो जाएगी

b.नई दवाओं व केमिकल को बनाना आसान हो जायेगा

c.उपचार में मोलुकेशन सिमुलेशन तेज हो जायेगी।

Quantum computing के इन्वॉल्व से AI का विकास

Quantum computing AI व मशीन लर्निंग को और अधिक सटीक और तेज बना सकती हैं। जिससे स्मार्ट सिस्टम, डाटा पैटर्न, रोबोटिक्स, आटोमेशन सिस्टम क्षमता काफी हद तक बढ़ जाएगी।

Quantum computing से स्पेस रिसर्च और एयरोस्पेस

स्पेस मिशन, ब्लेक होल,Quantum थ्योरी ,अन्य ग्रह से जुड़े सवालों को जवाब मिलेगा।

क्रिप्टोग्राफी और साइबर सुरक्षा के बदलाव में Quantum computing का अहम रोल होगा।

इस नई टेक्नोलॉजी से डेटा की सुरक्षा को एक नई आयाम मिलेगा,क्वांटम-प्रतिरोधी एन्क्रिप्शन टेक्नोलॉजी विकसित हो जायेगी।

● Quantum computing से नई नई टेक्नोलॉजी का विकास होंगी।

निष्कर्ष यह है कि आने वाली भविष्य में टेक्नोलॉजी बहुत ही तेजी से विकसित हो चूंकि होंगी। Quantum computing भविष्य में टेक्नोलॉजी रेवोल्यूशन के कारण बनेगा । जिससे हम सभी की जीवनशैली, सामजिक ढांचा, व्यवसाय , पूरी तरह से बदल सकती है। फ़िलहाल यह टेक्नोलॉजी अभी शुरुआती बिंदु पर है पर हर साल इसने एक नया आयाम देखने को मिल रहा है। इस टेक्नोलॉजी के मिलने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए हम यह अवश्य कह सकते है। Quantum computing हमारे जीवन का एक सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है।

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1.Quantum computing क्या है ?

Quantum computing एक नई पीढ़ी की सबसे शक्तिशाली कॉम्प्यूटर टेक्नोलॉजी हैं जिसकी डेटा इकाई 0 और 1 अलग अलग पोजिशन में रहने के साथ साथ ये दोनों इकाई 0 और 1 एक साथ एक पोजिशन में होते हैं। जबकि आज के पारंपरिक कंप्यूटर में ऐसा नही होता है।

2.क्युबीट्स क्या है?

क्युबीट्स Quantum कंप्यूटर सबसे छोटी की इकाई है। जिसके आधार पर ये गणना करता है।

3 quantum computing किस सिद्धान्त पर कार्य करता है?

यह quantum फिजिक्स के सिद्धांत पर कार्य करता है।

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