Internet Kaise Kam Karta Hai in Hindi
5/5 - (1 vote)
Internet Kaise Kam Karta Hai in Hindi : आज आप जिस मोबाइल से आप बात करते हैं या इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है।  कि उसका नेटवर्क टॉवर असल में कहां से जुड़ा होता है? आपके आसपास खड़ा टावर वही आपके मोबाइल को नेटवर्क देता है। लेकिन उस टावर का नेटवर्क वो कहां से आता है? शायद आप यह नहीं जानते होंगे। जिस इंटरनेट के बदौलत हम आज पूरी दुनिया को अपने मोबाइल में पल भर में एक्सप्लोर कर लेते हैं। उस इंटरनेट को आप तक पहुंचने में ऐसे ऐसे रास्तों से गुजरना पड़ता है ।  जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। आप सोचते होंगे कि इंटरनेट आसमान से मिलता है या हवा के जरिए आता है। लेकिन सच यह है कि आपका इंटरनेट एक वायर ( तार ) के मदद से आता है। वह भी समुद्र के रास्ते। हैरानी की बात जानिए। पूरी दुनिया का 95% से भी ज्यादा इंटरनेट इन्हीं समुद्री केबल से होकर गुजरता है। सिर्फ 5% इंटरनेट सेटेलाइट से आता है। और मान लीजिए अगर वह सेटेलाइट इंटरनेट ना भी हो तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अब आपके मन में ढेरों सवाल होंगे। इंटरनेट असल में काम कैसे करता है? यह समुद्र के नीचे इन तारो कैसे बिछाई जाती है? इन्हें बिछाता कौन है? क्या यह केबल टूट भी सकती है? अगर टूट जाती है तो रिपेयर कैसे होती है? और आखिर सेटेलाइट इंटरनेट और केबल इंटरनेट में फर्क क्या है? तो चिंता ना करे । High Tech News के खास पोस्ट पढ़ने  के बाद आपके मन में इंटरनेट को लेकर कोई भी सवाल बाकी नहीं बचेगा। तो चलिए आगे इसे विस्तार से जाने.

Internet kaise kam karta hai in Hindi

🌍 पहले के जमाने में इंटरनेट की शुरुआत कैसे हुई

पहले के जमाने की बात है।  अगर एक देश को दूसरे देश में कोई संदेश भेजना होता था।  तो जहाज के जरिए भेजते थे। हफ्तों लग जाते थे।  सिर्फ एक मैसेज पहुंचने में। लेकिन साल 1858 में एक बड़ा बदलाव आया। अमेरिका और यूरोप के बीच समुद्र से होते हुए पहली बार टेलीग्राफ केबल बिछाई गई। एक तरफ का ऑपरेटर तार पर इलेक्ट्रिक पल्स भेजता था और दूसरी तरफ का ऑपरेटर उसे मोर्स कोड में पर लेता था। अब हफ्तों का काम कुछ मिनटों में होने लगा।  लेकिन बात करने की सुविधा तब भी नहीं थी। सिर्फ मैसेज जा सकते थे और दिक्कत यह कि केबल बार-बार टूट भी जाती थी। कभी-कभी उसे ठीक करने में महीनों लग जाते थे। 1955 तक यही चलता रहा। लेकिन 1956 में लोग और ज्यादा चाहते थे। उनकी ख्वाहिश थी ऐसी केबल हो जिससे हमारी आवाज भी दूसरे देश तक पहुंच सके और फिर बिछाई गई ट्रांस अटलांटिक टेलीफोन केबल जो न्यू फाउंडलैंड से स्कॉटलैंड तक जाती थी। शुरुआत में इससे सिर्फ 36 फोन कॉल्स एक साथ हो सकती थी

💡 ऑप्टिकल फाइबर से इंटरनेट युग की शुरुआत

इसमें कॉपर केबल्स का इस्तेमाल हुआ था। बीच-बीच में अंडर सी रिपीटर्स लगाए गए ताकि आवाज लंबी दूरी तक साफ पहुंचे। लेकिन वक्त वहीं नहीं रुका। 1988 का दौर आते-आते लोग और आगे बढ़ना चाहते थे। अब बिछाई गई ट्रांस अटलांटिक ऑप्टिकल फाइबर केबल जो अमेरिका को यूरोप से जोड़ती थी। यहां पहली बार कॉपर की जगह ग्लास फाइबर का इस्तेमाल हुआ। लेजर सिग्नल से डाटा भेजा जाने लगा। अब एक बार में 400 फोन कॉल संभाले जा सकते थे। , यही असल में इंटरनेट के ग्लोबल नेटवर्क की शुरुआत थी।

आज का नया इंटरनेट टेक्नोलॉजी का दौर

1995 से 2005 के दौर में। इस दौरान
इंटरनेट का विस्तार इतनी तेजी से हुआ कि पूरी दुनिया बदल गई। अब इस्तेमाल होने लगी । DWDM तकनीक जहां एक ही फाइबर में अलग-अलग रंग की लेजर लाइट डालकर हजारों जीबी डाटा एक साथ भेजा जाने लगा। इंटरनेट की रफ्तार कई सौ गुना बढ़ गई। इन्हीं केबल्स के दम पर आज हम 5G सर्विस का मजा ले रहे हैं।

Internet Kaise Kam Karta Hai in Hindi

समुद्री केबल कैसे बिछती है?

इसके लिए एक खास जहाज होता है। Cable Laying Ship कहते हैं । इस पर हजारों किलोमीटर लंबी फाइबर केबल रोल्स में लिपटी रहती है। जहाज तय रूट पर धीरे-धीरे चलता है और पीछे से केबल को समुद्र तल पर छोड़ता जाता है। गहरे समुद्र में यह केबल सीधे तल पर रख दी जाती है। लेकिन तट के पास जहां जहाजों का खतरा होता है। वहां इन्हें मशीनों से खोदकर सी फ्लोर के नीचे दबा दिया जाता है। अब जरा इस केबल के अंदर झांक कर देखिए। अंदर बेहद पतली कांच की नलियां होती है। इन्हीं में लेजर की रोशनी डाटा लेकर दौड़ती है। स्पीड इतनी जबरदस्त कि प्रकाश की गति के करीब। बाहर से यह केबल मोटी पाइप जैसी लगती है। लेकिन असल में अंदर बेहद नाजुक होती है। इसीलिए इसे कई परतों से ढका जाता है। स्टील, कॉपर, प्लास्टिक ताकि पानी, नमक और प्रेशर से बचा रहे। 

समुद्री इंटरनेट केबल टूटने पर रिपेयर कैसे होता है?

सोचिए अगर यह केबल टूट जाए तो पूरा महाद्वीप इंटरनेट से कट सकता है। लेकिन हां टूटती है। ज्यादातर फिशिंग नेट्स जहाजों के एंकर या कभी-कभी भूकंप की वजह से पहले तो हेल और शार्क भी काट दिया करती थी। लेकिन आज इन्हें इतना मजबूत बना दिया गया है कि यह खतरों को झेल सके। अगर टूट जाती है । तो आती है।  स्पेशल रिपेयर जहाज । यह जहाज JPA से टूटे हिस्से को ढूंढते हैं। रोबोटिक आर्म्स या गैपलिंग हुक से उस हिस्से को खींच कर ऊपर लाते हैं। नए फाइबर से जोड़ते हैं और फिर से समुद्र तल में बिछा देते हैं। पूरी दुनिया में हर साल 100 से ज्यादा बार यह केबल्स टूटती है। लेकिन रिपेयर सिस्टम इतना तेज है कि आपको शायद ही कभी फर्क महसूस हो।

Internet Kaise Kam Karta Hai in Hindi

भारत में स्थिति”, “सेटेलाइट vs केबल”

अब भारत की बात करें तो मुंबई, चेन्नई, कोच्ची, टूटी कोचीन, तिरुवनंतपुरम यह सब बड़े पॉइंट्स हैं जहां से भारत इंटरनेट से जुड़ा है। खासकर मुंबई भारत का सबसे बड़ा सबमरीन ऑप्टिक हब। लेकिन असली सवाल यह केबल्स आपस में जुड़कर इंटरनेट कैसे बनाती है? जब आप YouTube खोलते हैं तो आप अपने ISP यानी Jio, Airtel, Voda से कहते हैं भाई मुझे इंटरनेट चाहिए। वह कहते हैं। पहले पैसा दो आप रिचार्ज कर देते हैं। इसके बाद आपका फोन पास के टावर से जुड़ जाता है। फिर वो टावर दूसरे टावर से फिर आपके सिम का नेटवर्क कोर नेटवर्क से और फिर वह जुड़ता है। इन्हीं समुद्री ऑप्टिक केबल्स से अगर डाटा भारत का है तो भारत के डाटा सेंटर से आएगा। लेकिन अगर बाहर का है तो सीधे इन केबल्स के जरिए विदेश से होकर आपके मोबाइल तक पहुंचेगा। अब आते हैं।

सैटेलाइट इंटरनेट क्या होता है।

सेटेलाइट इंटरनेट पर जैसे Elone musk का Starlink। इसमें आपको एक एंटीना मिलता है जो सीधे सेटेलाइट से जुड़ता है। लेकिन ध्यान रहे वो सेटेलाइट भी असल में जमीन पर बने ग्राउंड स्टेशन से जुड़ा होता है और वो ग्राउंड स्टेशन फिर से इन्हीं फाइबर केबल से कनेक्ट होता है। यानी इंटरनेट का बाप असल में यह केबल्स ही है।

सर्वर क्या होता है।

आखिर में सर्वर क्या होता है? सर्वर असल में एक बड़ा कंप्यूटर होता है जिसमें किसी भी वेबसाइट या ऐप का सारा डाटा रखा होता है। आप YouTube खोलते हैं तो वीडियो आपके फोन में पहले से नहीं है। वो सर्वर से आता है। आपका फोन बस डाटा मांगता है। और सर्वर आपको भेज देता है।

Internet Kaise Kam Karta Hai in Hindi

निष्कर्ष ( Conclusion)Internet Kaise Kam Karta Hai in Hindi

Internet Kaise Kam Karta Hai in Hindi :इंटरनेट दरअसल आसमान से नहीं टपकता। यह हमारी मेहंद, टेक्नोलॉजी और समुद्र में बिछी अनगिनत केबल्स की देन है। आज हम जिस इंटरनेट का धड़ा धड़ इस्तेमाल कर रहे है वह इन सब प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद हमें अपने मोबाईल या कंप्यूटर पर मिल पता है।
अगर अब भी कोई सवाल बाकी है।  तो कमेंट में जरूर पूछिएगा। और हां, ऐसे ही और दिलचस्प पोस्ट के लिए वेल  नोटिफिकेशन को On करना मत भूलिएगा।

🌐 जाने Starlink सैटेलाइट इंटरनेट क्या है

कैसे काम करता है और क्यों है भविष्य का इंटरनेट?

पूरा पढ़ें

📘 Best AI कैरियर गाइडलाइन eBook

0 से अपना बिज़नेस शुरू करें – अभी खरीदें!

अभी खरीदें
0
0

Leave a Reply