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Hi tech news : जाने क्या Nueralink Chip इंसानो को रोबोट बना सकता है? Hitech news

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Hi tech news : अगर आप साइंस फिक्शन मूवी देखने के शौकीन हैं, तो आपने बहुत सी फिल्मों में इंसान और रोबोट्स के बीच हुई लड़ाइया होती तो  जरूर देखा होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसी ही साइंस फिक्शन फिल्म्स की तरह आने वाले समय में इंसान और रोबोट्स दोनों ही शायद एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने लगेंगे। क्योंकि जिस गति से आज का युग मॉडर्न हो रहा है, इस बात को बिल्कुल भी नहीं टाला जा सकता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कि AI ने हमारी जिंदगी जीने के तरीके को ही बदल दिया है। और Elon Musk  की कंपनी द्वारा बनाए गए रेवोल्यूशन इन्वेंशन न्यूरा लिंक चिप को देखकर यह बात और भी ज्यादा पक्की हो जाती है। न्यूरोलिंक यह एक ऐसी चीज है जो कि आने वाले समय में शायद मेडिकल सेक्टर में क्रांति ला सकती है इससे इंसानी सभ्यता और भी ज्यादा विकसित और सक्षम होने वाली है हाल ही में Neuralink से जुड़ी एक खबर सामने आई जो वाकई में काफी चौका देने वाली थी। इसलिए  अगर आप भी इस चौका देने वाली खबर के बारे में जानना चाहते ते हैं तो High Tech News के इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।

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क्या इंसान भविष्य में रोबोट बन सकता है ?

हाल ही में एक बहुत ही बड़ी खबर सोशल मीडिया पर सामने आई Elon musk ने अपनी सोशल मीडिया साइट एक्स ( ट्विटर )  पर एक बहुत ही बड़ी घोषणा कर दी। दरअसल बात यह है कि इलन मस्क ने एक पोस्ट में यह बताया कि उनकी कंपनी ने पहली बार किसी जिंदा इंसान के अंदर न्यूरोलिंक चिप को इम्प्लीमेंट कर दिया है और यह प्रोसेस काफी हद तक सफल भी रहा है साथ ही हम आपको यह भी बता दें कि सर्जरी के बाद वह इंसान जिसके अंदर Neuralink Chip इम्प्लीमेंट किया गया था  काफी ज्यादा अच्छा व बेहतर महसूस कर रहा है जी हां यह एक बहुत ही क्रांतिकारी और ऐतिहासिक घटना बन चुकी है रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले साल नवंबर के महीने में Neuralink ने अपने पहले ह्यूमन सब्जेक्ट के ऊपर ब्रेन चिप इम्प्लीमेंट किया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें,कि यह चिप कोई मामूली चिप नहीं है क्योंकि इस चिप के जरिए एक साधारण इंसान काफी असाधारण व कठिन कामों को भी आसानी से अंजाम दे सकता है, खैर इस चिप को Brain Computer interface यानी कि BCI कहते हैं। और इससे हम कई छोटे-बड़े कामों को आसानी से अंजाम दे सकते हैं

Neuralink Chip से क्या-क्या काम किया जा सकता है। ?

कंपनी के अनुसार कहा गया है कि इस चिप की मदद से वह इंसान टेलीपैथी के काम कर सकता है मतलब इस चिप की मदद से इंसान के दिमाग में आने वाले सिग्नल्स को कंप्यूटर के जरिए प्रोसेस करके कई तरह के अलग-अलग कामों को किया जा सकता है।   इस चिप के जरिए आखिर ऐसा क्या काम किया जा सकता है, जो कि इतना खास है तो  हम आपको बता देते हैं कि इस चिप के जरिए आप ब्लूटूथ के माध्यम से कई तरह के उपकरणों व डिजिटल डिवाइस को वायरलेस तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं।

उदाहरण – आप इस चिप के जरिए अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप को भी कंट्रोल कर सकते हैं इसके अलावा आप स्मार्ट वॉचेस और ईयर बड्स जैसी चीजों को भी कंट्रोल कर सकते हैं।  जरा सोच कर देखिए कि आप जो अपने मन में सोच रहे हैं उसे बस मन मे  सोचने मात्र से ही आपका स्मार्टफोन चलने लगे तो जिंदगी कितनी आसान हो जाएगी। आपको ना तो टाइप करना पड़ेगा और ना ही वॉइस कमांड देनी पड़ेगी। आपका स्मार्टफोन ऑटोमेटिक तरीके से चलने लगेगा और बिना किसी मशक्कत के आपको आपका पसंदीदा टास्क या काम करके भी दे देगा।

भविष्य में इसकी कई संभावनायें

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तो यह कहना गलत नहीं होगा। कि यह रेवोल्यूशन चिप हमारे भविष्य की अनंत संभावनाओं को दर्शा रही है। आपको बता दें कि यह चिप दिमाग के अंदर इम्प्लीमेंट किया जाता है । और इसको इम्प्लीमेंट करने का तरीका भी काफ ज्यादा अनोखा है। जिसके बारे में आप लोगों ने शायद कभी सुना भी ना हो।  अब सवाल यह उठता है कि इस चिप को इंसानी दिमाग के अंदर किस तरह से इम्प्लीमेंट किया जा सकता है। Neuralink Chip के बारे में सबसे बड़ी बात यह है कि यह किसी भी जिंदा इंसान के दिमाग के अंदर आसानी से लगाई जा सकती है। तो आप लोगों को बता दें,कि इसको इम्प्लीमेंट करने के लिए रोबॉट की मदद ली जाती है रोबोट के जरिए इंसानी खोपड़ी के अंदर ड्रिल ( क्षेद ) किया जाता है और दिमाग के सोचने व विचार करने वाली जगह पर चिपके टॉड्स को लगाया जाता है जितना आसान इसका इम्प्लीमेंट प्रोसेस सुनने में लग रहा है वास्तव में यह उतना ही कठिन है, क्योंकि यहां थोड़ी सी भी चूक खतरनाक साबित हो सकती है, यही वजह है कि कुछ समय पहले अमेरिकी सरकार Neuralink को काफी ज्यादा मॉनिटर कर रही थी. किसी भी जिंदा इंसान के ऊपर किसी तरह का प्रयोग व  एक्सपेरिमेंट करना आज के समय में इंसानियत व कानून के विरुद्ध है इसलिए हमेशा से यह प्रोजेक्ट विवादों में घिरा रहा खैर इस प्रोजेक्ट के शुरुआती दिनों में सब्जेक्ट को चिप के जरिए कंप्यूटर कर्सर को नियंत्रण करना सिखाया जा रहा था। यहां सबसे खास बात यह है कि इस समय अमेरिकी सरकार भी इसे देख रही थी बाद में जैसे ही इस प्रोजेक्ट को सरकार की मंजूरी मिली तब धीरे-धीरे इसके ऊपर बाकी का डेवलपमेंट भी किया जाने लगा रिपोर्ट्स बताती हैं कि न्यूरोलिंक प्रोजेक्ट में सिर्फ उन लोगों को शामिल किया गया है जिन्हें पैरालिसिस ( लकवा ) की बीमारी है ‘बता दें कि अगर यह पैरालिसिस गर्दन के नीचे हो तो Neuralink को इम्प्लीमेंट करना बेहतर होता है।

कंपनी के अनुसार इस चिप के जरिए उन लोगों को ज्यादा लाभ मिल सकता है जिनका शरीर लकवा ग्रस्त होता है खैर अगर यह चिप सही तरीके से काम करने लगे तो यकीन मानिए Neuro Science के क्षेत्र में यह किसी भी चमत्कार से कम नहीं होगा। इस तरह के आविष्कार लोगों के जीवन को ज्यादा अच्छे तरीके से बेहतर बना सकते हैं और उन पीड़ितों की मदद कर सकते हैं जिन्हें इन चीजों की सबसे ज्यादा जरूरत है भविष्य में इस तरह की चीजों की और भी ज्यादा खोज होनी चाहिए। ताकि जरूरतमंद लोगों को एक बेहतर जिंदगी जीने में मदद मिल सके। वैसे यहां एक बात यह भी है कि इन चीजों का सही इस्तेमाल जरूरी है क्योंकि ये इंसानों को रोबोट्स भी बना सकती हैं इसलिए उनके ऊपर सरकारों को लगातार नजर रखनी चाहिए ताकि इस तरह के आविष्कारों का कोई भी व्यक्ति दुरुपयोग ना कर सके।

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निष्कर्ष Hi tech news

Hi tech news: आज के इस विकासशील टेक्नोलॉजी के दौर में बहुत से नए नए अवसर के साथ इंसानी भविष्य के लिये कई अनंत संभावनाएं की द्वार भी खुल रहे हैं। जिससे इंसान को सामाजिक व अर्थिक तौर पर भविष्य में ऊपर उठने का कई अवसर व संभावना भी नजर आ रहे हैं। क्योकि आज के समय मे टेक्नोलॉजी ही एक शक्ति जो पूरी दुनिया को एक पल में बदलने की पूरी क्षमता रखता है।क्योंकि आज लोगो के लिये टेक्नोलॉजी ना सिर्फ एक choice है। बल्कि एक जरूरत बन चुकी है। इसलिये हमे इन टेक्नोलॉजी को समझना होगा। इनके साथ आगे बढ़ना होगा।

इसलिये हम नयी नयी टेक्नोलॉजी व AI से सम्बंधित जानकारी से आपको हमेशा अप्डेट्स करते रहते हैं। इस प्रकार टेक्नोलॉजी से जुड़ी समाचार से खुद को अपग्रेड व अपडेट करने लिये High Tech News जरूर पढ़े। और शेयर भी करे। हमसे जुड़े रहने के लिये हमारी Facebook पेज HIGH TECH NEWS को फॉलो जरूर करे।

और अधिक पढ़े. Quantum chip क्या है ?

1.Neuralink का पहला सफल ट्रायल कब हुआ?

जनवरी 2024 में Neuralink चिप की पहली इंसानी मरीज पर सफलतापूर्वक इम्प्लांट किया गया।

2.Neuralink किन बीमारियों में मदद कर सकता है?

पैरालिसिस,( लकवा ) , अल्ज़ाइमर, पार्किंसन जैसे अन्य बीमारियों के इलाज के लिये संभव तरीका।

3.क्या न्यूरालिंक सुरक्षित है?

अभी यह क्लीनिकल ट्रायल में लेकिन सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।

4.क्या न्यूरालिंक से AI और इंसान एक हो सकते हैं?

यह AI के साथ इंसानी दिमाग को जोड़ने का पहला कदम है।

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