क्या आप भी ChatGPT या AI का इस्तेमाल करते हैं। तो जरा सावधान हो जाइए। क्योंकि ChatGPT आपके दिमाग को सुस्त और कमजोर बना रही है। हाल ही में MIT University ने ChatGPT का इस्तेमाल करने वाले लोगों के अन्य लोगों पर एक रिसर्च और प्रयोग किया । जिसमें यह पाया गया । कि ChatGPT Se Dimag Kamzor हो रहा है। और सोचने, समझने व याददाश्त की क्षमता पर असर पड़ रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो। आने वाले समय में इंसानी दिमाग सिर्फ एक मांसपेशी ही बनकर रह जाएगा। यानी अगर हम दिमाग का इस्तेमाल न करें। और ChatGPT जैसे AI के भरोसे रहे है। तो हमारा दिमाग पूरी तरह से सुस्त हो सकता है। जो खुद निर्णय भी नहीं ले पाता है, ना खुद से कुछ सोच सकता है, और ना ही कुछ अनुभव कर सकता है। हालांकि ChatGPT जैसे AI के आ जाने से हमारे काम अब पहले से तेजी से होने लगा है। प्रोडक्टिविटी में सुधार हुआ है। अगर हम ChatGPT का सही और सीमित उपयोग करें। और हम इस पूरी तरह से निर्भर न होने की वजह खुद से निर्णय और समझदारी से इसका इस्तेमाल करें। तो हमारे लिए यह बहुत ही मदद कर साबित हो सकता है। आगे विस्तार से जानेंगे और कैसे हम इससे बच सकते हैं। और इसका कैसे सही इस्तेमाल कर सकते हैं।….
आगे आप जानेंगे…

MIT University का इंसानों पर रिसर्च और Experiment
MIT का शोध ( जून 2025, Media Lab द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में स्थित MIT यानी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी जो दुनिया के सबसे बड़ी वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी शोध संस्थान में से एक है। जो इंसानों पर हमेशा मानव हित के लिए हमेशा नए नए शोध और इंसानों के ऊपर एक्सपेरिमेंट करते रहता है। जिन्होंने AI ChatGPT के आ जाने के बाद इंसानों के दिमाग के ऊपर पढ़ने वाले असर को जानने के लिए एक Experiment किया गया। जिसमें यह देखा गया की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी ChatGPT इंसानों के दिमाग पर अभी से बुरी असर डालना शुरू कर दिया है। क्योंकि यह इंसानों के द्वारा बनाए गए कृत्रिम दिमाग है जिसके सामने हमारा प्राकृतिक दिमाग कमजोर पड़ता हुआ दिखाई पड़ रहा है। ऐसे में यह बहुत गंभीर चिंता की बात है। क्योंकि ChatGPT के इस्तेमाल करने से दिमाग कमजोर हो रहा है।
आखिर कैसे ChatGPT से याददाश्त हो रहा कमजोर जाने MIT का यह Experiment
MIT University के टॉप रिसर्चर एवं मनोवैज्ञानिक शोधकर्ताओं ने इंसानी दिमाग पर ChatGPT वजह पढ़ने वाले असर को पता करने के लिए 18 से 39 वर्ष की 54 लोगों की एक समूह को तीन अलग अलग ग्रुप में बाट कर Experiment किया।
पहला ग्रुप A – इस ग्रुप में उन लोगों को रखा गया जिन लोगों को ChatGPT जैसे AI का इस्तेमाल करके एक निबंध लिखने को कहा गया। जिसमें ECG (Electro CordioGram) दिमाग की गतिविधि को रिकॉर्ड करने वाला यंत्र। के रिपोर्ट में यह पाया गया। कि ग्रुप A वाले के दिमाग में बहुत कम Activity या गतिविधि पाई गई। क्योंकि इन्होंने बिना अपने दिमाग का इस्तेमाल किया ChatGPT से बस निबंध को कॉपी पेस्ट किया था।
दूसरा ग्रुप B – इस ग्रुप में उन लोगों को रखा गया जिन लोगों को निबंध लिखने के लिए ChatGPT या AI टूल को छोड़कर अन्य Google या Chrome जैसे सर्च ब्राउज़र का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया। जिसमें इससे जी की रिपोर्ट में जा पाया गया की इनका दिमाग ग्रुप A ChatGPT वालों की तुलना में थोड़ी Activity और इंगेजमेंट पाया गया। लेकिन यह ChatGPT वालों से थोड़ा ही ज्यादा था । जो यह दर्शाता है कि इन लोगों ने भी अपने दिमाग का कोई इस्तेमाल नहीं किया।
तीसरा ग्रुप C – इस ग्रुप में उन लोगों को रखा गया जिन लोगों को बिना किसी साधन के अपने से निबंध लिखने के लिए कहा गया। जिसका ECG रिपोर्ट यह पाया गया कि इनका दिमाग बहुत ही ज्यादा Engegment और Activity किया । क्योंकि इन्होंने बिना किसी सहारे के खुद से अपने दिमाग का इस्तेमाल करके अपने अनुभव से , कल्पना से और अपने समझदारी से अच्छा निर्णय लेते हुए । एक अच्छा निबंध लिखा । जिसमें पाया गया कि दिमाग बहुत तेज है। जबकि बाकी लोगों का कमजोर और सुस्त है।

Experiment के अंतिम चरण और निष्कर्ष । ChatGPT Alert
सभी 54 लोगों एक साथ बैठाया गया और बिना किसी साधन के फिर से सभी को उसी निबन्ध को लिखने के लिए कहा गया । जिसमें यह पाया गया कि ग्रुप A वाले और ग्रुप B वाले अपने ही पहले से लिखे गए निबंध की कुछ लाइन भी नहीं लिख पाए । क्योंकि उनकी याददाश्त, सोचने, समझने और कल्पना करने क्षमता कमजोर हो चुकी थी । हालांकि ग्रुप B वालों की कुछ परफॉर्मेंस अच्छा था । लेकिन उतना भी नहीं। वही ग्रुप C वालों में यह पाया गया। कि उन्होंने इस बार और अच्छे से भी अपनी परफॉर्मेंस दिखाएं । उनके दिमाग की Activity का ग्राफ और भी बढ़ गया था। क्योंकि इन्होंने अपने सोचने, समझने ,अनुभव और कल्पना करने की शक्ति का पूरा पूरा इस्तेमाल किया। जिससे यह साबित होता है की ChatGPT जैसे AI Tool पर पूरी तरह से निर्भर होना हमारे आने वाले भविष्य में हमें गधा बना सकता है।

निष्कर्ष : ChatGPT Dimaag Par Asar आखिर कैसे बचे
ChatGPT Se Dimag Kamzor: आज जिस प्रकार AI और टेक्नोलॉजी ने रफ्तार पकड़ी है। मानव जीवन के विकास के एक नई रेवोल्यूशन आ गया है। AI ने आज हमारे काम को सरल और आसान बना दिया। जिसे हम कम समय में कई सारे काम आसानी से कर सकते हैं। अपने कार्य के उत्पादन क्षमता को ही बढ़ा पाएं है। लेकिन जिस प्रकार एक सिक्के का दो हिस्सा होता है। ठीक उसी प्रकार हर नया आविष्कार, नए टेक्नोलॉजी एक नकारात्मक भाग भी होता है। ठीक वैसे आज ChatGPT ने हमारे दिमाग पर असर डालते हुए हमारे दिमाग को कमजोर करना शुरू कर दिया है। जो आने वाले समय पूरी इंसानी सभ्यता को फिर से उस इतिहास की ओर धकेल सकता है। जहां इंसानी दिमाग बिल्कुल एक जानवर के समान बुद्धिमता रखता था ।
हम ChatGPT Dimaag Par Asar से कैसे बचे?
1.हमें इन ChatGPT जैसे AI टूल्स का सही व सीमित इस्तेमाल करना चाहिए।
2. हमें इन ए टूल का इस्तेमाल रिसर्च के लिए करना चाहिए बाकी हमें खुद से अनुभव, कल्पना और निर्णय लेना चाहिए।
3. हमें ChatGPT का इस्तेमाल अपने प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के लिए करना चाहिए। ना कि अपने दैनिक जीवन के हर काम में।
4. कोई भी निर्णय अपने आप से ले। ना कि ChatGPT की मदद से।
5. ChatGPT सिर्फ अपना कुछ जरूरी काम कराए ना कि इसका आदी हो जाए। बच्चों को भी इससे दूर रखे।
इंसानी दिमाग के सामने इस दुनिया में ऐसा कोई चीज नहीं है। जो इसकी मुकाबला कर सके। लेकिन हमें उसे इस्तेमाल न करना, कमजोर करना आने वाले समय में हमारे द्वारा बनाया गया कंप्यूटर दिमाग यानि AI कही हम पर ही ना हावी हो जाए । क्योंकि AI तो बस एक ट्रेलर है। AGI का तूफान तो आना अभी बाकी है।
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