एलोन मस्क का Starlink Direct to Cell Technology बिना टावर व बिना टॉवर के हाई स्पीड इंटरनेट
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आज इंटरनेट व डिजिटल टेक्नोलॉजी की इस दुनिया मे एक ऐसा टेक्नोलॉजी जो चर्चा का विषय बना हुआ है जिसको लेकर लोगो के मन में बहुत सारी सवाल भी है इस टेक्नोलॉजी का नाम है। Direct to Cell Technology जिसे अमेरिका के जाने माने बिजनेसमैन व अविष्कारक एलोन मस्क की कंपनी SpaceX जो हाल ही में Starlink Direct to Cell टेक्नोलॉजी पेश की है। जो एक प्रकार का satellite connectivity पर निर्भर एक टेक्नोलॉजी है । जो संचार के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा रेवोल्यूशन लाने की क्षमता रखता है। इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से उपयोगकर्ता बिना किसी सिम कार्ड के, बिना कोई टावर और बिना कोई साफ्टवेयर के सीधे अपने स्मार्टफोन व मोबाइल को satellite से कनेक्ट कर सकते हैं। और इसके बिना ही हम आसानी से फ़ोन कॉल , टेक्स मैसेजिंग, व इंटरनेट को brawse कर सकते हैं। जब कि आज तक हम सिम कार्ड और टॉवर का इस्तेमाल करके ये सुविधा ले पा रहे हैं परंतु आने वाले समय मे हम इन सभी टेक्नोलॉजी से मुफ्त होंगे । और एक नई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे होंगे जिसका नाम है direct to cell Technology । इस टेक्नोलॉजी के आ जाने से हमे बहुत से फायदे देखने को मिल सकते हैं क्योंकि यह बिना किसीअन्य साधन के direct वर्क कर सकता है वही आज के टेक्नोलॉजी जिसे हाल में हम सब इस्तेमाल कर रहे हैं उसमे बहुत सारी कमियां भी देखने को मिलती है परंतु नई टेक्नोलॉजी इन सभी समस्याओं से पूरी तरह से मुक्त होंगी। फिलहाल भारत मे Starlink के ब्रांडबैंड सेवायें देने के लिये भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा 2022 स्टारलिंक के लाइसेंस के मुद्दे के लेकर रोक दी गयी थी । परन्तु दुबारा लाइसेंस के पूरी शर्तों के साथ मंजूरी के लिये आवेदन किया गया है। और कंपनी की ओर से दी गई जानकारी से सरकार संतुष्ट है, और जल्द ही लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। साथ ही भारत भी इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है। जिसे एक बात तो साफ है कि जल्द ही ये टेक्नोलॉजी हमे देखने को मिल सकते हैं।

Starlink Direct to Cell
Starlink direct to cell Technology क्या है।
यह टेक्नोलॉजी direct आपको आपके मोबाइल पर हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा देती है, जो यूजर को बिना कोई सिम कार्ड,टावर व wifi के बिना ही एक अच्छा नेटवर्क कनेक्टिविटी देती है। यह टेक्नोलॉजी आउट ऑफ नेटवर्क covrage एरिया में आसानी से काम कर सकती है। फिलहाल यह टेक्नोलॉजी अभी ट्रायल में है। और यह एक सफल टेक्नोलॉजी है जिसे ट्रायल के बाद जल्द ही उपभोक्ताओं के उपयोग करने के लिये दिया जा सकते है।
Starlink direct to cell Technology कैसे काम करता है।
यह एक प्रकार का satellite कनेक्टिवटी है जिसमें हजारों उपग्रह ( सैटेलाइट ) को पृथ्वी की निचली कक्षा जिसे क्षेभ मंडल के नाम से जानते हैं इस कक्षा में इस सैटेलाइट को स्थापित किया जाता है। जो एक नेटवर्क की तरह काम करते हैं। अगर हम कोई मोबाइल डिवाइस या इंटरनेट डिवाइस का उपयोग करते हैं तो हमारा मोबाईल डायरेक्ट उस सैटेलाइट से कनेक्ट हो जायेगा । जहाँ से हम इंटरनेट व फ़ोन कॉल जैसे सुविधा ले पाएंगे। और इस प्रकार डायरेक्ट कनेक्टिवटी मिलने हमें अच्ची सर्विस , अच्छी इंटरनेट मिल सकती है।
Starlink Direct to Cell के फायदे
इसके आ जाने कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक अहम बदलाव दिखेगा। अगर इसके लाभों की बात की जाये तो इसके कई लाभ हो सकते हैं।
1.High speed इंटरनेट – माना जा रहा है कि इसके आ जाने से उपभोक्ताओं को 250 mbps तक कि इंटरनेट स्पीड मिल सकती है।
2. आउट एरिया में पहुँच – जहाँ आज भी बहुत ऐसे जगह है जहाँ इंटरनेट की सेवा नही मिल पा रही है वहाँ लोग आसानी से इंटरनेट का उपयोग कर पाएंगे।
3. लागत प्रभावी. – पहाड़ी इलाको जहाँ टॉवर लगाना संभव नही है वहाँ के लिये यह टेक्नोलॉजी बहुत ही कारगर साबित हो सकते हैं।
4.समस्याओं से छुटकारा– आज हम जो टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं उसमें खराब मौसम में टॉवर गिरने व विजली की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं परंतु यह टेक्नोलॉजी इन सब से मुफ्त है।
इस सेवा का उपयोग करने का क्या प्राइस रहने वाली हैं।
इस सेवा का उपयोग करना उपभोक्ताओं के लिये कितना महंगी या कितना सस्ती हो सकती है इसका अभी अधिकारिक तौर पर कोई जानकारी सामने नही आई है। माना जाता है कि शुरुआत में इस technolgy का फायदा कुछ चुनिंदा लोग ही ले पाएंगे। और ये माना जाना जाता है कि starlink की सभी सर्विस बहुत ही महंगी होती हैं वैसे में ये सेवाएं भी यूजर के लिये महंगी हो सकती है। परतुं भारत भी इसी प्रोजेक्ट में काम कर रहा है और अगर भारत की खुद की सेटेलाइट नेटवर्क स्थापित हो जाती है तो यह भारतीय यूजर के लिये एक अच्छी व starlink के अपेक्षा सस्ती सर्विस हो सकती हैं।
निष्कर्ष Starlink Direct to Cell
एलोन मस्क की Starlink Direct to Cell technology टेलीकॉम व संचार सेवाओँ के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है। यह टेक्नोलॉजी उन करोड़ों लोगों की डिजिटल दुनिया से जोड़ सकती है जो आज तक इंटरनेट व संचार की इन सुविधाओं से अब तक वंचित है। आज जैसे जैसे नई नई टेक्नोलॉजी का बिस्तार आगे बढ़ेगी। वैसे वैसे दुनिया भर में इंटरनेट के सुलभ सुविधा भी बढ़ेगी। और यह न केवल टेलीकॉम व संचार के क्षेत्र में बदलाव लाएगी। बल्कि इसके आ जाने सभी व्यवसाय, व्यक्ति व अन्य सेवाओँ में एक बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
आपको हमारी यह Starlink Direct to Cell की यह जानकारी कैसी लगी । और इसके बारे में आपकी क्या राय है हमे कमेंट कर जरूर बताये। और साथ इसी प्रकार की टेक्नोलॉजी जानकारी से अपडेट रहने के लिये High Tech News को नोटिफिकेशन वेल जरूर ऑन कर ले।
1.यह सर्विस भारत मे कब तक शुरू होगी?
स्टारलिंक कंपनी को अनुमति मिल जाती है 2025 के अंत या 2026 के शुरुआत में भारत मे अपनी सेवाएं शुरू कर सकते हैं।