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Quantum Chip

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क्वान्टम कंप्यूटर की एक महत्वपूर्ण खोज की उपलब्धि

Quantum Chip : यानी फिजिक्स के सिद्धान्तों पर आधारित एक प्रोसेसर है जिसके जरिये गूगल ने पैरेलल यूनिवर्स में एक्सेस किया, हाल ही में गूगल ने एक ऐसा चिप बनाया है, जिसके जरिये वह क्वाण्टम सुप्रीम हासिल करना चाहते थे, लेकिन इसी बीच google को कुछ ऐसा हाथ लग गया, जिसके बारे वैज्ञानिकों ने कल्पना भी नही की थी यानी अचानक से पैरेलल यूनिवर्स में एक्सेस मिलना। 9 दिसम्बर 2024 को google की तरफ से इस बारे में अधिकारिक रूप से कंफर्म किया गया और तब से यह खबर चारो तरफ फैल गयी है। जिसे सुनकर वैज्ञानिक भी हैरान हो गए हैं। , क्या है Quantum Chip क्या कनेक्सन है इसका पैरेलल यूनिवर्ष से , आखिर गूगल ने यह कैसे किया,क्या सच मे हम पैरेलल यूनिवर्ष की दरवाजा खोलने वाले हैं, इस ब्लॉग में हम इसके बारे आज बिस्तार से बात करेंगे। चलिये जानते हैं-

Quantum Chip
कल्पना कीजिये, अगर आप एक साथ लाखो समस्याओं को हल कर सकते है, और ओ भी एक ही समय मे तो कैसा होता ,यह ऐसा है की आप एक समय मे एक समान दस अलग अलग काम कर रहे हो। यह पढ़ने व सुनने में आपको साइंस फिक्शन मूवी जैसा लगता है। google के इस नए Quantum Chip ने असंभव को संभव बना दिया है। हाल ही में ये खबर आई कि गूगल ने paralel यूनिवर्ष तक अपना पहुँच बना लिया है लेकिन आप सोच रहे होंगे कि इसका कंप्यूटर से क्या कनेक्शन है। असल हम जिन कंप्यूटर को हम उपयोग करते हैं वो एक समान्य classical कंप्यूटर है, जो एक ही समय मे एक प्रोसेसर से बहुत सारे multipl कैलकुलेशन नही कर सकते हैं। वही क्वाण्टम कंप्यूटर multiple या parallel कैलकुलेशन आसानी से कर सकते हैं। जिस बजह से यह एक सुपर कंप्यूटर से भी करोड़ो गुना तेज होते हैं। लेकिन इस खासियत का असली कारण है क्वाण्टम फिजिक्स । आगे बढ़ने से पहले यह समझ लेते हैं कि आखिर इसने क्वाण्टम फिजिक्स का क्या रोल है। जिस बजह से यह सब हो रहा है। दोस्तो, क्वान्टम कम्प्यूटर क्वान्टम दुनिया के नियमों पर आधारित होता है। जिसके नियम हमारे दुनिया से काफी अलग है। जहाँ हमारे दुनिया मे कोई ऑब्जेक्ट एक समय मे सिर्फ एक ही जगह अग्जिस्ट करता है, वही क्वान्टम दुनिया मे एक इलेक्ट्रान या ऑब्जेक्ट एक समय मे पूरे एटम में कही भी मौजूद हो सकता है। जिसे सुपरपोजिसन कहा जाता है। अब जानते है कि इसका फायदा हमे कंप्यूटर की दुनिया मे कैसे मिलेगा, क्लासिकल कंप्यूटर जिसका हम रोज इस्तेमाल करते हैं वह बिट्स पर आधारित होता है। यह एक बिट्स या 0 होता है या 1 इसकी लेंग्वेज या कॉडिंग बिट्स के रूप में होता है। यानी इनकी दुनिया मे एक कंप्यूटर के लिये आवाज, वीडियो,फ़ोटो, नम्बर, टेक्स्ट सभी 0 और 1 के रूप में होता हैं। यानी आप एक कंप्यूटर होते तो आपके लिये हर चीज़ 0 या 1 के रूप में होती। यहाँ आपकी दुनिया 0 और 1 से मिलकर बनी है ऐसा समझ सकते हैं। लेकिन क्वान्टम कंप्यूटर क्युबीट्स पर काम करते हैं जो एक साथ 0 और 1 दोनों भी हो सकते हैं। और वो भी एक ही समय में यानी सुपरपोजिसन । इसी बजह से क्वाण्टम फिजिक्स की इस विशेषता का फायदा उठाने के लिये दुनिया मे सभी देश अधिक शक्तिशाली और सबसे पापुलर क्वाण्टम कंप्यूटर बनाने के दौड़ में लगे हुए हैं। और इसी बीच google ने Quantum Chip को बनाया, झा वे इसमे क्वाण्टम सुप्रीम हासिल करना चाहते थे। लेकिन आश्चर्य की बात तो ये है की अचानक ऐसा क्या हुआ कि गूगल इस चिप के मदद से parallale यूनिवर्ष में inter करने की बात कर रहा है। इससे जानने के लिये यह जानना जरूरी हैं कि…

Parallale यूनिवर्ष का Quantum Chip व क्वान्टम फिजिक्स से क्या संबंध है ?

क्वान्टम दुनिया को लेकर वैज्ञानिकों ने कई ऐसे बड़े बड़े प्रयोग किये हैं, जहाँ उन्हें कई अजीब चीज़े मिली, जिनकी व्याख्या उनके पास नही थी। जैसे कि Doble slit Exeperiment जहाँ पर इलेक्ट्रान को ऑब्जर्व ( निरीक्षण ) करने पर वह कण (पार्टिकल ) फॉर्म detect होता है। और जब लेकिन जब इसे ऑब्जर्व नही किया जाता तो तरंग (wave ) फार्म में डिटेक्ट होता है। इस experiment से वैज्ञानिक हैरान थे की आखिर एक इलेक्ट्रान को जब हम आब्जर्व नही करते , तब वह अलग अवस्था मे होता है। लेकिन जैसे ही हम आब्जर्व करते हैं। यह रूप बदल क्यू लेता है। इलेक्ट्रान के इस डबल विशेषता को समझाना इतना आसान नही था इसे समझाने के लिये वैज्ञानिक कई इंटरपिटेसन दिये, जिसने एक इंटरपिटेसन patallel यूनिवर्ष की बात करता है, जिसे many world interpretation कहा जाता है। यानी आप जिस जगह हो, उसी जगह कई और यूनिवर्ष एग्जिस्ट करता है। अब इसके अनुसार जिस इलेक्ट्रान को हम ऑब्जर्व कर रहे हैं। वह हमें भले ही पार्टिकल्स के रूप में डिटेक्ट हो रहा हो लेकिन वह किसी दूसरे यूनिवर्ष में वेव ( तरंग) के रूप में मौजूद हैं। जैसे एक सिक्का उछालने पर हैड या टेल में से कोई एक आएगा, लेकिन ये दोनों परिस्थिति अलग अलग यूनिवर्ष में एग्जिस्ट करेगी।

अब गूगल ने बताया कि उन्होंने इस Quantum Chip के जरिये अपने क्वाण्टम कम्प्यूटर को एक ऐसी मैथमैटिकल प्रॉब्लम को सुलझाने के लिये दी जिसे आम कंप्यूटर द्वारा सुलझाने में 10 सेप्टेलियन यानी (1 के आगे 25जीरो ) लगा दे उतने साल जो कि हमारे लाइफ टाइम से ज्यादा लंबे समयकाल है। ऐसे में जब इसी प्रॉब्लम को क्वाण्टम कंप्यूटर के जरिए सुलझाया गया, तो यह इतना ज्यादा फ़ास्ट था कि यह इस कैलकुलेशन को मात्र 5 मिनट में सुलझा दिया । जहाँ सुपर कंप्यूटर को भी कई करोड़ साल लग जाएंगे,

Quantum Chip Explanation

अब इसे एक्सप्लेन करते हुए गूगल के AI टीम लीडर H. M. Neven ने कहा, की यह तो तभी हो सकता है जब यह Quantum Chip इस कैलकुलेशन को कई parallel यूनिवर्ष में access करते हुए सॉल्व करें। यानी एक ही समय मे इतनी बड़ी कैलकुलेशन के लिये इसका parallel यूनिवर्ष में access होना जरूरी है।

अगर हम इसमे सफल हुए तो Quantum Chip के कई फायदे

इसके सफल होने से टेक्नॉलॉजी के दुनियां में हमे कई फायदे मिल सकते हैं-

“● बायोलॉजिकल रिसर्च- Quantum Chip के हेल्प से नई द्वारा और केमिकल की खोज में आसानी

● जलवायु परिवर्तन पर कन्ट्रोल- जलवायु परिवर्तन का पूर्वानुमान लगा के संभावित खतरों को टाला या बचा जा सकता है।

● नयी मेटेरियल की खोज करना- जैसे कुछ मेटेरियल हम बिना क्वान्टम कम्प्यूटर के मदद से भी हमने पैदा कर लिये, उदाहरण- ग्राफीन एरोजेल जो हवा से हल्की और स्टील से भी ज्यादा मजबूत है। तो आप सोच सकते है कि मटेरिअल साइंस की दुनिया मे कितना जबरदस्त परिवर्तन ला सकते हैं।

क्वाण्टम कम्प्यूटर के Quantum Chip के कुछ खतरे

क्वान्टम कंप्यूटर का इस्तेमाल करके दुनिया के किसी भी पासवर्ड को कुछ सेकेंड में क्रेक किया जा सकता है,यह काफी खर्चीला भी होगा। भविष्य में इसे AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के साथ connect करने की बात कही जा रही है अगर ऐसा हुआ तो हो सकता है इन क्वान्टम कंप्यूटर इंसानो द्वारा कंट्रोल करना बहुत मुस्किल भी हो सकता है। हो सकता है इसका गलत हाथ मे लगने से गलत उपयोग होने से मानव जाती के बहुत बड़ी खतरा भी बन सकता है।

Quantum Chip के निष्कर्ष

Quantum Chip : गूगल के इस दावे को सुनकर फिजिक्स की दुनिया मे एक हलचल मच चुकी है। क्योकि कई भौतिक विज्ञानिक हैरान हैं कि आखिर गूगल ने यह सब कैसे किया, वैज्ञानिकों ने इस पर कई सवाल भी उठाए हैं, इस एक्सपेरिमेंट को लेकर एक भौतिक वैज्ञानिक साबिन हसन फेल्डर का कहना था कि गूगल का यह दावा क्वान्टम फिजिक्स के मूलभूत सिद्धांत के अनुसार बिल्कुल भी सही नही है क्योंकि इलेक्ट्रान के बिचित्र स्वभाव को Explain करने के लिये वैज्ञानिकों ने और interpitation दिये है। कोपेन हेगेंन interpitation parallel जहाँ parallel यूनिवर्ष जैसी कोई बात नही कही गयी है। साथ ही जिन मैथेमेटिकल प्रॉब्लम को इन कंप्यूटर से सॉल्व किया जाता है। उन प्रॉब्लम का रियल दुनिया से कोई मतलब नही है। वैज्ञानिकों के अनुसार गूगल का यह उपलब्धि एक मिल का पत्थर साबित होगा। लेकिन इसके parallel यूनिवर्ष को लेकर दावे सही नही है।

एक सवाल जिसे वैज्ञानिक सुलझाने में लगे हुए हैं, की क्या parallel यूनिवर्ष सच मे मौजूद भी हो सकते हैं। क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो अबतक की सबसे बड़ी खोज होगी। पैरेलल यूनिवर्ष का विचार जितना रोमांचक है उतना रहस्यमय भी है। हालांकि क्वाण्टम मैकेनिक्स की कुछ घटनाएं इसके संभावना की ओर इशारा भी कर रही है लेकिन वास्तव में इसके पक्ष के कोई ठोस सबूत नही है। और बिना सबूत के मात्र यह एक काल्पनिक विचार है। हो सकता हमे भविष्य में हमे paralle यूनिवर्ष का सबूत भी मिल जाये क्योकि प्रकृति कभी हमे आष्चर्यचकित करने से पीछे नही हटती।

प्रिय रीडर्स आपको इसे लेकर क्या लगता हैं, क्या वैज्ञानिक कभी इसे ढूंढ पाएंगे और यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताय। टेक्नोलॉजी से जुडी जानकारी और update के लिये हमे नोटिफाई जरुर करें। धन्यवाद facebook से जुड़े High Tech News पेज

क्वान्टम कंप्यूटिंग से संबंधित और जानकारी के लिये पढ़े..

1.साधारण कंप्यूटर की इकाई क्या है?

साधारण कंप्यूटर की इकाई को बिट्स कहते हैं।

2.क्वान्टम कंप्यूटर की इकाई क्या है?

क्वान्टम कंप्यूटर की इकाई को क्युबीट्स कहते हैं।

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