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कल्पना कीजिए, एक ऐसी अद्भुत दुनिया की जहाँ टेक्नोलॉजी और इंटरनेट कनेक्टिवीटी इतनी एडवांस हो जाये कि, आज जो हम कमी व लिमिट अनुभव करते हैं। वो बस एक पुरानी याद बन कर रह जाये। क्या होगा अगर आप पूरी 3 घंटे की फिल्म व मूवी सिर्फ 1 सेकेंड में ही डाऊनलोड कर पाए। या फिर आप किसी दूर के इंसान को अपने सामने देखकर होलोग्राफिक तरीके से बात कर पाये। जरा सोचो अगर खुद से चलने वाली ऑटोमेक्टिक कार, ड्रोन व रोबोट एक ही समय मे एक दूसरे से बातचीत कर सके बिना किसी देरी के। और मीलों दूर बैठे सर्जन डॉक्टर भी दूर से ही AI रिमोट के जरिये दूर से ही ऑपरेशन कर सके। आपको बता दे कि ये कोई कल्पना मात्र या दूर की सपना नही है। बल्कि ये 6G वायरलैस टेक्नोलॉजी का वादा है। जो ना केवल हमारे संचार , टेलीकम्युनिकेशन के तरीके को बदलने वाला है बल्कि ये हमारी जीने, काम करने, और से जुड़ने के तरीके को भी एक नया आकार देगा। आगे हम बिस्तार से जानेंगे, की यह टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है। क्या असर हमारे जीवन पर पढ़ने वाला है। तो High Tech News के इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें….

6G Technology की रेस में सबसे आगे
6G टेक्नोलॉजी को विकसित करने दौड़ पहले से जोरो पर हैं। और जबकि दुनिया अभी भी 5G टेक्नोलॉजी को विकसित करने में लगी है। चीन ने इस रेस इतिहासिक उपलब्धि हासिल कर पूरी दुनिया को हिला दिया है। इस खास उपलब्धिमें एक चीनी कंपनी चिंग वांग सेटेलाइट टेक्नोलॉजी ( स्पेस )आकाश से जमीन तक 100GB प्रति सेकेंड के स्पीड पर लेजर कॉम्युनिकेशन सिग्नल संचारित कर दुनिया के कॉम्पिटीटर ( प्रतिस्पर्धी ) को पीछे छोड़ दिया है।
इस नेटवर्क स्पीड पर फूल HD Movi, केवल एक सेकेंड में ही डाऊनलोड की जा सकती है। यह एक ऐसे भविष्य के शुरुआत है। जहाँ बहुत सारे डेटा आसानी व तुरंत शेयर की जा सकती है। जिससे इंडस्ट्री व सोसायटी समाज दोनों ही बदल जाएंगे। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि चीन को वायर लेस ( बिना किसी तार या माध्यम के ) संचार सेवा में अगली पीढ़ी का लीडर बना देती है।
6 G नेटवर्क टेक्नोलॉजी में इतना खास क्या है
यह सिर्फ एक तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी तक ही सीमित नही है। यह संचार नेट्वर्क सिस्टम को एक इंटेलिजेंस इकोसिस्टम में बदलने का लक्ष्य है। जहाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप लर्निंग का डीप समावेश ( इंटीग्रेशन ) होगा। आज जहाँ 5G टेक्नोलॉजी 40 GHz पर काम करती है। वही 6G टेक्नोलॉजी 100GHz से 300GHz तक कि रेंज पर काम करेगा। जिसे हम टेरा हर्ट्ज वेव भी कहते हैं। यह उच्च फ्रीक्वेंसी, कम समय व करोड़ो डिवाइस को एक साथ जोड़ने की क्षमता देती है।
6G टेक्नोलॉजी किस प्रकार सामने आया
नवम्बर 2020 में चीन ने दुनिया का पहला 6G सेटेलाइट लांच किया था। जो इस टेक्नोलॉजी के विकास में एक मील का पत्थर था। यह सेटेलाईट टेरा हर्ट्ज कॉम्युनिकेशन की पावर से लैस था। और स्पेस में 6G फ्रीक्वेंसी बैंड( तरंग ) को टेस्ट करने के लिये डिजाइन किया गया था। और चीन ने एक और मील का पत्थर हासिल किया है। जहाँ उन्होंने स्पेस से पृथ्वी तक 6G सिग्नल का संचार सफलतापूर्वक किया है। ये सिग्नल ट्रांसमिट ( संचार ) करने की सफलता चिंग वांग सेटेलाइट टेक्नोलॉजी के गेलिन सेटेलाइट के द्वारा सम्भव हो सका। जिसका संचार ( ट्रांसमिशन ) स्पीड था 100 GB प्रति सेकंड। यानी आप इस स्पीड में एक सेकंड में 10 फूल HD मूवी आसानी से डाऊनलोड कर सकते हो।
2025 तक चीन का लक्ष्य है, अपने गेलिन नेटवर्क के 117 सेटेलाईट को लेजर कॉम्युनिकेशन के लिये तैयार करना। जिससे वो इस टेक्नोलॉजी में ग्लोबल लीडर बन सके।

6 G टेक्नोलॉजी के रेस में कौन कौन है
6G टेक्नोलॉजी की रेस सिर्फ चीन तक ही सीमित नही है बल्की यह जापान, साउथ कोरिया , भारत, अमेरिका व यूरोपिय देश जैसे कई देश AI के साथ 6G टेक्नोलॉजी को विकसित करने रेस में लगे हुए । जहाँ साउथ कोरिया 2028 तक इस लांच करने की घोषणा भी कर दी है। लेकिन अभी तक जो चीन को जो उपलब्धि मिली है उसे ही चीन को गलोबल लीडर बना रही है। जबकि अन्य देश भी इससे कोई ज्यादा खास पीछे नही है। सितम्बर 2024 में चीन ने इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन ( ITU ) के साथ इसकी अंतिम मानक दिए।
जो डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम , बेहतर प्रदर्शन, और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में विशेष फोकस करते हैं। इसके बाद जुलाई 2024 में चीन ने दुनिया का पहला 6G फील्ड टेस्ट नेटवर्क स्थापित किया। जो बीजिंग यूनवर्सिटी ऑफ पोस्ट एंड टेलीकम्युनिकेशन के विकसित किया। यह टेक्नोलॉजी 4G के नक़्शे कदम पर काम करता है। और पुराने टेक्नोलॉजी के तुलना में काफी बेह्तर टेक्नोलॉजी के रूप में प्रदर्शन करता है। जनवरी 2022 में चीन के इंजीनियर ने 1 किलोमीटर की दूरी पर 1TB ( 100GB =1TB ) डेटा प्रति सेकंड ट्रांसमिट करने की क्षमता का प्रदर्शन किया। जो वायर लेस कॉम्युनिकेशन के एक नया स्टैंडर्ड स्थापित करता है। साथ ही 6G technology को विकसित करने का उद्देश्य 1 TB तक के डेटा स्पीड को 1 माइक्रो सेकेंड की समय और पूरी दुनिया मे अच्छा नेटवर्क कनेक्टिविटी पहुँचना है।
6G टेक्नोलॉजी से क्या सकारात्मक असर देखने को मिलेगा
यह टेक्नोलॉजी हमारे रोजमर्रा की जीवन के साथ साथ , कृषि, शिक्षा, एंटरटेनमेंट व गेमिंग जैसे क्षेत्र को पूरी तरह से बदल सकता है। और हेल्थ केयर में 6G रिमोट से ऑपरेशन को संभव बनायेगा। वही कृषि के क्षेत्र में 6G पावर ड्रोन, सेंसर और भूमि परीक्षण व खेती के मैनजमेंट को पूरी तरह बदल सकता है। साथ ही शिक्षा में होलोग्राफिक क्लासरूम , Vertual रिएलिटी का अनुभव इमर्सिव अवसर दे सकता है। यानी टेक्नोलॉजी की जरिये पढ़ना व प्रेक्टिकल तरीके से सीखने की प्रक्रिया को बहुत आसान बना देगा। और 6G की एक खास लाभ यह है कि इससे डिजिटल डिवाइस को कम करना है। और सेटेलाइट नेटवर्क के जरिये, नेटवर्क पहुँचविहीन क्षेत्र में भी आसानी से नेटवर्क पहुँचाया जा सकता है। ताकि कोई भी टेक्नोलॉजी पहुच से पीछे न रहे।
6G का इंटीग्रेशन AI और मशीन लर्निंग में होगा। जो रिसोर्स को बढ़ायेगा ,व साइबर सुरक्षा के क्वालिटी को भी बढ़ाएगा। और स्मार्ट ioT डिवाइस को भी पावर देगा। लेकिन 6G का रास्ता मुश्किलों से भरा होगा। इस टेक्नोलॉजी के नए संरचना की जरुरत होगी। जिसमे एडवांस एंटीना, स्पेस स्टेशन , और ट्रांसमिशन टेक्नोलॉजी शामिल हैं।
अंतिम तर्क व निष्कर्ष
6G Technology : हमारे भविष्य को एक नया आकार देगा। और एक नए युग की शुरुवात करेगा , जहाँ कनेक्टिविटी सिर्फ इंटरनेट तक ही सीमित नही है। यह हमारे सोच और हमारी जिंदगी के हर पहलू को एक नया आकार देगा। यह सब होने के बाद मान लीजिये। भविष्य का डिजिटल अब हमारे दरवाजा पर खड़ा है। 6G हमारे दुनिया को एक इसे मोड पर ले जाएगा, जहाँ कनेक्टिवीटी ज्ञान व टेक्नोलॉजी का एक नया अधयाय शुरू होगा। यह न सिर्फ डेटा की गति है। बल्कि एकजुट करने,नए रास्ते खोजने, और हर दिन नई दिशा में अग्रसर करने टेक्नोलॉजी है। यह हम सब के लिये एक नई शुरुआत है। एक ऐसी शुरुआत जहाँ हम सिर्फ एक टेक्नोलॉजी के ही उपयोगकर्ता नही होंगे। बल्कि उसका हिस्सा बनेंगे। रऐसा युग जहाँ मानवता का विकास टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर होगा।
इसी प्रकार नयी टेक्नोलॉजी इनोवेशन व AI के बारे जानकारी से अपडेट्स रहने के लिये High Tech News जरूर पढ़े। और साथ ही High Tech News के पोस्ट 6G Technology अगर अच्छा लगा हो तो शेयर व हमे वोट जरूर करे। और हमसे जुड़ने के लिये हमारा Facebook पेज HIGH TECH NEWS को फॉलो जरूर करे ।
1.6G Technology क्या है?
5G के बाद अगली हाई ultra वायरलैस टेक्नोलॉजी है।
2.यह टेक्नोलॉजी भारत मे कब तक आएगी।
भारत मे यह टेक्नोलॉजी 2029 से 2030 तक आने की उम्मीद है।
3.6G में कितनी स्पीड होगी ?
1 टेरा बाईट ( 1TB प्रति/ सेकंड )